मुंबई: देश में उन मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है जो ज्यादातर संतुलित आहार यानी बैलेंस्ड डाइट और खराब लाइफ स्टाइल की वजह से होती हैं। इनमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर संधिवात जैसी कई बीमारियां हैं. लिहाजा जीवनशैली में बदलाव और संतुलित भोजन लेने की आदत को तत्काल शुरू करने की आवश्यकता है। पैन इंडिया एनजीओ के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत पर गैर संचारी रोगों (एनसीडी) का भारी बोझ है और देश में कुल मृत्यु के कारणों में इसका वर्तमान में यह 66% योगदान है। फिजीशियन एसोशिएशन फॉर न्यूट्रीशन इंडिया (पैन इंडिया) वैश्विक एनजीओ पैन इंटरनेशनल की भारतीय शाखा है। जो पोषण को स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मुख्य हिस्सा बनाकर विश्व स्तर पर आहार और पोषण की कमी से होने वाले मृत्यु दर को ख़त्म करने के मिशन पर है।
डॉक्टर्स को देंगे ट्रेनिंग
पैन इंडिया का लक्ष्य पांच वर्षों में 25000 डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना है। जो 25 से 50 करोड़ लोगों की खाने की आदतों को प्रभावित करेगा। फिलहाल 3000 से अधिक चिकित्स्कीय पेशेवर पैन इंडिया से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने मेडिकल रुटीन में इस दृष्टिकोण को लागू किया है जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
मुंबई में हुआ 11वां सेमिनार
फिजिशियन एसोसिएशन फॉर न्यूट्रिशन इंडिया (पैन इंडिया) ने बीती 4 फरवरी को जेडब्ल्यू मैरियट, जुहू (मुंबई) में क्लिनिकल प्रैक्टिस में साक्ष्य आधारित पोषण (ईबीएन) की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए डॉक्टरों के लिए अपना 11वां स्वास्थ्य शिक्षा सेमिनार आयोजित किया। सेमिनार में पूरे भारत से चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लोगों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने, पोषण संबंधी मौतों को कम करने और पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में योगदान करने के लिए भागीदार संगठनों के साथ सहयोग करना है।
कार्यक्रम के दौरान, डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि जैसी जीवन शैली की बीमारियों को नियंत्रित करने और पूरी तरह से ख़त्म करने में साक्ष्य आधारित पोषण उपचार को लागू करने की भूमिका पर चर्चा की। कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा चिकित्सकों को इसे अपनाने के बारे में जागरूकता और प्रशिक्षण देना था। बीमारी के प्रति समग्र दृष्टिकोण जिसमें केवल गोलियाँ निर्धारित करना शामिल नहीं है बल्कि जीवन शैली और पोषण संबंधी खपत में बदलाव के माध्यम से इसे रोकना भी शामिल है।
मुंबई में सेमिनार को मुंबई के शीर्ष डॉक्टरों डॉ. रूपा शाह, डॉ. शारंग वार्तिकर और राजदूत डॉ. माधवी कठपाल और डॉ. अजॉय प्रभु ने संबोधित किया। पैन इंडिया की प्रोग्राम मैनेजर श्रुति शर्मा ने अन्य राज्यों और एम्स जोधपुर, एम्स नागपुर, एम्स बिलासपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों तथा बैंगलोर, कोयंबटूर, मैसूर, जलगांव और भरतपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पैन के प्रभाव पर प्रकाश डाला।