दिल्ली: मीडिया से बात करते हुए एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व में हमने सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा दिए गए पिछले फैसले और राष्ट्रीय चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर दिए गए फैसले के आधार पर निर्णय लिया है। कुछ लोगों की मांग थी कि एनसीपी की याचिका को शिवसेना की याचिका के साथ ही लिया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाएं अलग-अलग खारिज कर दीं।
आदेश दिया गया है कि एनसीपी की याचिका पर सुनवाई 31 जनवरी 2024 को होगी क्योंकि उनसे अलग तरीके से निपटा जाएगा हमारी भी यही मांग थी। 2 जुलाई, 2023 को दायर याचिका हमें एक समेकित परिणाम देगी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम होता है
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए सुनील तटकरे ने कहा कि विधानसभा एक स्वायत्त संस्था है लेकिन इस देश की व्यवस्था में सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम होता है। शिवसेना में फूट को लेकर काफी बड़ी संख्या में याचिकाएं दाखिल की गई हैं। पांच-छह विधायकों के खिलाफ याचिकाएं दायर हों तो बात समझ में आ सकती है, लेकिन दोनों पक्षों की याचिकाओं पर गौर किया जाए तो विधानसभा अध्यक्ष जो भी फैसला देंगे, वह उनका अधिकार है।
इस अवसर पर महिला क्षेत्रीय अध्यक्ष रूपाली चाकणकर, मुंबई मंडल अध्यक्ष समीर भुजबल, युवा क्षेत्रीय अध्यक्ष सूरज चव्हाण, ठाणे जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे आदि उपस्थित थे।
