EarthQuake in Delhi: सोमवार सुबह अफगानिस्तान में आए तेज़ भूकंप से भारी तबाही मची। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.0 दर्ज की गई। इस आपदा में अब तक 800 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसके झटके दिल्ली-NCR, जम्मू-कश्मीर और पंजाब तक महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र
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नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के नंगरहार-कुनार इलाके में था।
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गहराई लगभग 160 किलोमीटर बताई जा रही है।
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गहराई ज़्यादा होने के बावजूद झटके बेहद शक्तिशाली और दूर तक असर करने वाले साबित हुए।
अफगानिस्तान में तबाही
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स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप में 800 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं।
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2000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
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कई घर और इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं।
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राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन आधिकारिक आंकड़े बढ़ सकते हैं।
भारत में असर
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दिल्ली-NCR समेत जम्मू-कश्मीर और पंजाब में हल्के झटके महसूस किए गए।
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किसी तरह की जानमाल की हानि की खबर भारत से नहीं है।
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दहशत के चलते लोग इमारतों से बाहर निकलकर खुले स्थानों पर खड़े रहे।
क्यों महसूस होते हैं दूर के झटके?
विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र और अफगानिस्तान-पाकिस्तान इलाका भूकंपीय ज़ोन 4 और 5 में आता है। यहाँ इंडियन और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स की टकराहट लगातार होती रहती है। यही वजह है कि जब अफगानिस्तान जैसे इलाकों में तेज भूकंप आता है, तो उसके झटके उत्तर भारत तक महसूस होते हैं।
सुरक्षा और सावधानियाँ
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भूकंप के समय घबराने के बजाय सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
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तुरंत इमारत से बाहर खुले स्थान पर चले जाएँ।
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लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
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सिर को सुरक्षित रखने के लिए हेलमेट या मोटा कपड़ा इस्तेमाल करें।
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बिजली और गैस उपकरण बंद कर दें।
मानवीय पहलू
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएँ हमें यह अहसास कराती हैं कि इंसान चाहे कितनी भी प्रगति कर ले, प्रकृति के सामने असहाय हो जाता है। इस मुश्किल घड़ी में पूरी दुनिया अफगानिस्तान के साथ खड़ी है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार मदद और दुआओं के संदेश भेज रहे हैं।