मुंबई: बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी और अन्य अपराधों को रोकने के लिए एक अलग वाईओजेएनए बनाई है। इसके मुताबिक भारत का सीमा सुरक्षा बल अब भारत-बांग्लादेश सीमा पर मधुमक्खी पालन करेगा। कुल मिलाकर योजना इस सीमा पर मधुमक्खी के छत्तों की स्थापना कर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह योजना बीएसएफ की 32वीं बटालियन के माध्यम से 2 नवंबर से शुरू की गई है।
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किमी लंबी सीमा लगती है। इस सीमा का 2,217 किमी हिस्सा पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है। मधुमक्खियों को सीमा पर रखने की योजना में केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय भी शामिल हो गया है। आयुष मंत्रालय ने बीएसएफ को मिश्रित धातुओं से बने मधुमक्खी के छत्ते और स्मार्ट तार-जाल भी उपलब्ध कराएं हैं। मधुमक्खियों को कैसे रखा जाए इसकी तकनीक आयुष मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई है।
योजना को लागू करने का निर्णय लेने वाले 32वीं बटालियन के कमांडेंट सुजीत कुमार ने कहा कि केंद्र ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) के तहत इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। बीएसएफ ने एक कदम आगे बढ़कर आयुष मंत्रालय से फूलों के पौधे उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इन फूलों को इन मधुमक्खी छत्ते के बगल में लगाने की योजना है। इसलिए मधुमक्खियाँ बड़ी मात्रा में पराग एकत्र कर सकती हैं और शहद का उत्पादन कर सकती हैं।
BSF का किसानों ने किया समर्थन
भारत-बांग्लादेश सीमा पर मधुमक्खी का छत्ता बनाने की योजना पर दो नवंबर से अमल शुरू हो गया है। इन मधुमक्खी छत्तों को स्थानीय मधुमक्खी पालकों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। किसानों ने इस योजना का स्वागत किया है।
