नई दिल्ली: कांग्रेस ने वर्ष 2020 में हाथरस में गैंगरेप के बाद युवती की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया और पीड़ित परिवार से किए गए वादे पूरे नहीं करने को लेकर हमला बोला है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि 14 सितंबर, 2020 को चार युवकों ने 19 साल की दलित बेटी का सामूहिक बलात्कार किया था। 28 सितंबर को दिल्ली में उस बेटी की इलाज के दौरान मौत हो गई और उसी रात ढाई बजे आनन-फानन में उसके शव को पेट्रोल डालकर जला दिया गया।
एक अक्टूबर को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार से मिलने का फैसला किया, लेकिन उन्हें रोक दिया गया ताकि वे सच न जान सकें और पीड़िता को न्याय न दिला पाएं। कांग्रेस नेता सरकार के उस आश्वासन के साथ लौटे कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन परिवार को उचित मुआवजा नहीं मिला।
सरकार ने पीड़िता के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हुआ। इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का भी वादा अधूरा है। पीड़ित परिवार को किसी और जगह घर देकर पुनर्वासित करने का वादा भी अभी तक पूरा नहीं हुआ।
पीड़ित परिवार बंदियों की तरह रहने को मजबूर
लांबा ने कहा कि इसी 12 दिसंबर को जब राहुल गांधी हाथरस पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि सीआरपीएफ की तैनाती के कारण पीड़ित परिवार अपने ही घर में चार साल से बंदियों की तरह रहने को मजबूर है। परिवार को कहीं आने-जाने के लिए अधिकारियों से लिखित में अनुमति लेनी पड़ती है।
लांबा ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा में नेता विपक्ष के तौर पर इस मामले को उठाया और सरकार के सारे दावों को बेनकाब कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि अगर सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं लेती है, तो कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पीड़ित परिवार को पुनर्वासित करेगा और उनके साथ खड़ा रहेगा।
पीड़ित परिवार से किए गए वादे पूरे क्यों नहीं किए गए?
लांबा ने कहा कि राहुल गांधी के पीड़ित परिवार से मिलने और उस बात को सदन में रखने से उत्पीड़न की शिकार सभी पीड़िताओं और उनके परिवारों की उम्मीदें जिंदा हो गई हैं। यदि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सरेआम झूठ बोलते हैं और अपराधियों को संरक्षण मिलता है, तो यह पूरी सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। कोर्ट ने जब 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि पीड़ित परिवार से किए गए वादे पूरे क्यों नहीं किए गए, तब सरकार ने कहा कि हम वादे पूरे करने को बाध्य नहीं हैं।
परिवार का हवाला देते हुए लांबा ने कहा कि केस में बलात्कार की धारा हटा दी गई, इसीलिए तीन आरोपी बरी हो गए। जबकि पीड़िता ने मृत्यु से पहले बयान दिया था कि उसके साथ गैंगरेप हुआ था। परिवार ने सबूत मिटाने के आरोप भी लगाए हैं। जब पुलिस से पूछा गया कि रात में ढाई बजे क्या जला रहे हैं, तो वह सच नहीं बता पाई। आज देश में ऐसे कई मामले हैं, जिनकी सच्चाई सत्ताधारी छिपा रहे हैं। यदि राहुल गांधी हाथरस के पीड़ित परिवार से नहीं मिलते, तो देश के सामने सच्चाई नहीं आती। पीड़ित परिवार ने बताया कि जब इन तीन आरोपियों को जेल से रिहा किया गया, तो गाड़ी में फूल-मालाएं और मिठाइयां रखी हुई थीं।
भाजपा पर निशाना साधते हुए लांबा ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है। बीएचयू में पढ़ने वाली बेटी के सामूहिक बलात्कारियों और बिलकिस बानो के दोषियों को रिहा करने पर उनका स्वागत फूल-माला से किया गया था। भाजपा की संस्कृति बन गई है-“बेटियों को मत बचाओ, बलात्कारियों को बचाओ।”