बीड: महाराष्ट्र के बीड जिले के आष्टी तहसील में स्थित वाघलुज गांव आज पूरी तरह से दुनिया से कटा हुआ है। लगातार बारिश के कारण नदी का पानी बढ़ गया है और गांव तक जाने वाली सड़क पूरी तरह बह गई है। करीब 500 लोगों की आबादी वाला खंडोबा बस्ती अब एक टापू में तब्दील हो चुका है, जहां ना सड़क है, ना पुल।
पिछले 15 दिनों से गांव का बाहरी संपर्क पूरी तरह टूट गया है। लोगों तक अब रस्सियों के सहारे अनाज, दवाइयां और ज़रूरी सामान भेजा जा रहा है।
“भूखे रहे कई दिन… अब रस्सी से भेजते हैं अनाज”
गांव की महिलाओं की आंखों में आंसू हैं। एक महिला ने कहा —
“साहब, हमारे पास सड़क नहीं है, नदी का पानी इतना बढ़ गया है कि पार करना जान जोखिम में डालने जैसा है। पहले कई दिन भूखे रहे, अब रस्सी से आटा-चावल भेजते हैं।”
गांववाले बताते हैं कि प्रशासन को कई बार जानकारी दी गई, लेकिन कोई मदद नहीं पहुंची।
बच्चे जान जोखिम में डालकर जा रहे हैं स्कूल
यह स्थिति सबसे खतरनाक है गांव के बच्चों के लिए। बच्चों को रोज़ाना तटबंध के किनारे बहती तेज़ धारा के पास से गुजरना पड़ता है। एक शिक्षक ने कहा —
“बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो तटबंध से बस चार अंगुल की दूरी पर बहता पानी होता है। एक चूक जान ले सकती है।”
गांव में हर दिन का यह सफर अब मौत से खेलने जैसा हो गया है।
हमें हेलीकॉप्टर दे दो मुख्यमंत्री जी!
अब ग्रामीणों ने राज्य सरकार से एक अनोखी लेकिन भावनात्मक मांग की है —
“मुख्यमंत्री जी, आपने कहा था कि हमारा पुल मंजूर हो गया है, लेकिन जब पुल नहीं बना तो अब हमें हेलीकॉप्टर दे दीजिए। पुल बन जाए तो हेलीकॉप्टर वापस ले लीजिए।”
यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
वीडियो में ग्रामीणों की हालत देखकर लोग हैरान हैं —
कई परिवारों के पास खाने तक का इंतजाम नहीं, बुजुर्ग इलाज के बिना घरों में फंसे हैं।
इलाज के बिना घरों में फंसे बुजुर्ग
गांव में कई बीमार और बुजुर्ग लोग हैं जो अस्पताल नहीं जा पा रहे। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा —
“गांव में अगर किसी को कुछ हो जाए, तो उसे ले जाने का कोई रास्ता नहीं है। न नाव है, न पुल… बस पानी ही पानी है।”
सरकार का जवाब – पुल का काम मंजूर, पर ज़मीन पर सन्नाटा
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि पुल निर्माण का प्रस्ताव मंजूर हो चुका है, लेकिन काम अभी शुरू नहीं हुआ है।
गांववालों का कहना है कि उन्हें अब “वादे नहीं, समाधान” चाहिए।
मुख्य बातें:
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बीड जिले का वाघलुज गांव 15 दिनों से संपर्कविहीन
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500 लोगों की आबादी, रस्सी से भेजा जा रहा है अनाज और दवाइयां
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बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं
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बुजुर्ग अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे
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ग्रामीणों की सीधी मांग — “जब तक पुल नहीं बनता, हेलीकॉप्टर दे दो मुख्यमंत्री जी”