Chhagan Bhujbal: महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बन चुकी है. मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों समेत कई मंत्रियों ने शपथ भी ली है. हालांकि, इस बार कई पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. ऐसे में यह चर्चा भी शुरू है कि मंत्री पद ना मिलने से नाराज ये वरिष्ठ विधायक आखिर शांत बैठेंगे या फिर सरकार की मुसीबत बढ़ाएंगे? अगर महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री, वन मंत्री और सांस्कृतिक मंत्री का ओहदा संभाल चुके सुधीर मुनगंटिवार की बात करें तो उनका कहना है कि उन्हें मंत्री पद न मिलने से कोई तकलीफ नहीं है लेकिन पहले उन्हें यह बताया गया था कि उनका नाम मंत्री पद की लिस्ट में है लेकिन अचानक नाम कैसे कटा उन्हें इसका कोई अंदाजा नहीं है.
वहीं अजीत पवार गुट के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने मंत्री पद ना मिलने से कड़ी नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि जिस तरह से पार्टी में उनका अपमान किया गया है वह ठीक नहीं है. यह भी कहा जा रहा है कि वह महाराष्ट्र सरकार के शीतकालीन अधिवेशन में शामिल नहीं होंगे बल्कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में येवला में जनता संवाद साधेंगे.
कभी बालासाहेब ठाकरे के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर चुके और पार्टी से बगावत कर चुके छगन भुजबल, क्या इस बार अजित पवार के साथ भी वही तेवर दिखाएंगे या फिर कोई दूसरा बड़ा कदम उठाएंगे? ऐसी तमाम अटकलें फिलहाल महाराष्ट्र की सियासत में तेजी से चल रही है. यदि छगन भुजबल ने अजीत पवार की एनसीपी छोड़ने का फैसला किया तो यह उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान साबित हो सकता है. फिलहाल छगन भुजबल क्या फैसला लेते हैं यह देखना दिलचस्प होगा. वहीं क्या अजीत पवार छगन भुजबल को मनाने का प्रयास करेंगे इस पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.