नासिक: सांसद हेमंत पाटिल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के एक और सांसद ने इस्तीफा दे दिया है। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एकनाथ शिंदे गुट के सांसद हेमंत गोडसे ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दे दी है। हेमंत गोडसे ने कहा है कि वह मराठा आरक्षण को लेकर मराठा समाज की तीव्र भावनाओं को देखते हुए इस्तीफा दे रहे हैं। एकनाथ शिंदे गुट के दो सांसद अब तक यह कहते हुए इस्तीफा दे चुके हैं कि उन्हें लगता है कि राज्य सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लेने से मराठा समुदाय नाराज है।
सांसद हेमंत पाटिल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के ऑफिस के लिए अपना इस्तीफा बढ़ा दिया है। चूंकि उस समय कोई अध्यक्ष नहीं था। इसलिए उन्होंने अपना इस्तीफा कार्यालय को सौंप दिया। ऐसे में अब क्या ओम बिड़ला उनका इस्तीफा स्वीकार करेंगे? इस बात पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
इसलिए दिया इस्तीफा…
मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए सांसद हेमंत पाटिल ने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा ओम बिरला के कार्यालय को सौंप दिया है। जब राज्य में मराठा समाज के आरक्षण का मुद्दा ज्वलंत है तो मुझे पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। जरांगे पाटिल की तबीयत बिगड़ रही है लेकिन वे मांग पर अड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कल बैठक बुलाई है, वे भी आरक्षण देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने शिवाजी महाराज की शपथ भी ली है। पाटिल ने कहा कि मेरा निर्णय भावनात्मक नहीं है। मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है। मैं एक आम किसान का बेटा हूं और मुझे स्टंट करने की जरूरत नहीं है।
हेमंत पाटिल ने कहा कि जिनके पास 20-25 साल तक सांसद रहने का अनुभव है, वे स्टंट कर रहे होंगे। इस दौरान उन्होंने एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले की भी आलोचना की। यदि आपकी भी यही भावना है तो आपने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? उन्होंने ये सवाल पूछा। दूसरी तरफ सरकार ने करीब साढ़े ग्यारह हजार लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने की तैयारी की है। लेकिन, फिलहाल आंदोलन थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
