नागपुर: महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला बोला है। आरएसएस की शताब्दी वर्षगांठ पर सपकाल ने कहा कि संघ को “नथुराम गोडसे, मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स जैसी विचारधाराओं को तिलांजलि देकर महात्मा गांधी और भारतीय संविधान का मार्ग अपनाना चाहिए।”
“सिर्फ गांधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाने से काम नहीं चलेगा”
सपकाल ने कहा कि इस साल एक साथ गांधी जयंती, दशहरा और आरएसएस का 100वां वर्ष पड़ना एक ऐतिहासिक संयोग है। उन्होंने कहा, “सिर्फ गांधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाने से कुछ नहीं होगा। RSS को नथुराम गोडसे का धिक्कार करना होगा और गांधी विचारों को ईमानदारी से अपनाना होगा,”।
कांग्रेस बनाम संघ: दो अलग विचारधाराएं
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि—
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स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस ने देश को जोड़ा, जबकि RSS अंग्रेजों की व्यवस्था से सहमत रहा।
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छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक नकारने वाली सोच संघ की रही।
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डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को काला राम मंदिर में प्रवेश न देना, स्त्री-पुरुष समानता और सार्वभौमिक मताधिकार का विरोध करना भी संघ की विचारधारा का हिस्सा रहा।
सपकाल बोले— “यह देश सबका है। संघ को अपनी संकीर्ण सोच छोड़कर गांधी और संविधान का मार्ग अपनाना होगा।”
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अतिवृष्टि से बेहाल किसान, सरकार पर लापरवाही का आरोप
सपकाल ने महाराष्ट्र की महायुति सरकार (भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन) पर भी निशाना साधा।
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मई से जारी भारी बारिश ने किसानों की फसलें और घर तबाह कर दिए।
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किसानों का संसार उजड़ गया, लेकिन अब तक राज्य सरकार ने केंद्र को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी।
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मुख्यमंत्री दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिले, लेकिन किसानों के लिए कोई राहत नहीं ला सके।
सपकाल ने आरोप लगाया कि सीएम को किसानों से ज्यादा सुरजागढ़ की खानों में दिलचस्पी रही। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर किसानों को तुरंत मदद नहीं मिली तो मंत्रियों को राज्य में घूमने नहीं दिया जाएगा।
भगत सिंह जयंती पर मशाल मोर्चा और संविधान सत्याग्रह पदयात्रा
शहीद भगत सिंह की जयंती पर रविवार को नागपुर में कांग्रेस ने मशाल मोर्चा निकाला और संविधान चौक पर सभा की।अब सोमवार, 29 सितम्बर से नागपुर की ऐतिहासिक दीक्षाभूमि से सेवाग्राम आश्रम तक संविधान सत्याग्रह पदयात्रा निकाली जाएगी। इसमें महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सपकाल, वरिष्ठ नेता, सांसद-विधायक और सामाजिक संगठन शामिल होंगे।