कोल्हापुर: “मोदी को रुकने कैसे कह दूँ… जब मैं खुद 75 के बाद नहीं रुका। यह लाइन शरद पवार की जुबान से निकली और सोशल मीडिया पर छा गई। विपक्ष जहाँ मोदी के 75 वें बर्थडे पर वार कर रहा था, वहीं पवार का जवाब बिल्कुल फिल्मी डायलॉग जैसा लगा। कोल्हापुर में दिया गया यह बयान आज मोदी बर्थडे की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा में है।
पवार का कोल्हापुर बयान
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “मेरे 75वें जन्मदिन पर मोदी खुद बधाई देने आए थे। राजनीति में संस्कृति और सभ्यता होनी चाहिए। जब मैं 75 के बाद नहीं रुका, तो मोदी को रुकने के लिए कैसे कह सकता हूँ?” पवार का यह बयान दिखाता है कि उन्होंने विपक्ष की तरह कटाक्ष करने के बजाय राजनीतिक शिष्टाचार पर जोर दिया।
विपक्ष का तंज
प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर विपक्षी दलों ने उन्हें शुभकामनाओं के साथ व्यंग्य भी दिए।
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कांग्रेस नेताओं ने कहा — “मार्गदर्शक मंडल मोदी जी का इंतज़ार कर रहा है।”
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विपक्ष का तर्क है कि भाजपा के भीतर 75 साल की उम्र पार करने वाले नेताओं को सक्रिय राजनीति से किनारे करने का चलन रहा है।
भाजपा का उत्सव: ‘सेवा पखवाड़ा’
भाजपा ने इस मौके को पूरी तरह उत्सव का रूप दिया।
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देशभर में सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम हुए।
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स्वास्थ्य शिविर, सफाई अभियान और बुजुर्गों के लिए मुफ्त दवा योजनाएँ शुरू की गईं।
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कोल्हापुर की पंचायतों ने भी प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जनकल्याण योजनाएँ लॉन्च कीं।
जब मैं खुद नहीं रुका….
पवार का यह रुख बताता है कि सियासत में मतभेद भले हों, लेकिन व्यक्तिगत रिश्तों में शिष्टाचार और मर्यादा भी ज़रूरी है। मोदी के 75वें जन्मदिन पर जब विपक्ष वार कर रहा था और भाजपा जश्न मना रही थी, शरद पवार का यह फिल्मी अंदाज़ सबसे ज्यादा गूंजा, “मोदी को रुकने कैसे कह दूँ… जब मैं खुद नहीं रुका।”