मुंबई: सुप्रीम कोर्ट में आज (सोमवार) शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट की ओर से दायर विधायक अयोग्यता याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई हुई। दोनों याचिकाओं के जरिए सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति जताई गई है कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर अयोग्यता याचिकाओं का निपटारा करने में अनिच्छुक हैं। इस बीच आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना विधायक की अयोग्यता के मुद्दे पर सभी कार्रवाई 31 दिसंबर तक पूरी करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अदालत में दाखिल किए गए दस्तावेज विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दाखिल किए जाएं। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष दो दिन के भीतर दस्तावेजों पर फैसला कर आगे बढ़ें।
#BREAKING Supreme Court directs Maharashtra Speaker to decide disqualification pleas in relation to Shiv Sena rift by December 31, 2023.#ShivSena #SupremeCourt https://t.co/oezjaNTQiS
— Live Law (@LiveLawIndia) October 30, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने किया सवाल!
अदालत ने पूछा कि इस बार हमने रिजल्ट मई महीने में दिया तो फिर इतना समय क्यों लग रहा है? अदालत ने कहा कि हमने विधानसभा अध्यक्ष को कई मौके दिए। आज हलफनामा दाखिल कर दिया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हम इस भ्रम को अगले चुनाव तक जारी नहीं रख सकते। चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ ने कहा कि अब हमने शेड्यूल तय कर लिया है। आगामी 31 दिसंबर से पहले सुनवाई पूरी करें।
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक और अजीत पवार समूह के खिलाफ शरद पवार समूह द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 1 जनवरी, 2024 तक निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
क्या था मामला?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत करके अपने समर्थक विधायकों से बीजेपी से हाथ मिलाया था। बाद में उन्हें राज्य का सीएम बनाया गया। इस बगावत के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में अदालत ने फैसला देते हुए मामले की सुनवाई विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को करने के लिए कहा था।
