सोलापुर: महाराष्ट्र की राजनीति और पुलिस विभाग में फिलहाल एक ही चर्चा है, अजित पवार और IPS अंजना कृष्णा का वायरल वीडियो। सोलापुर जिले के कुर्डू गांव में अवैध मुरुम उत्खनन (लाल मिट्टी/रेड सॉयल की अवैध खुदाई) को लेकर छापेमारी हुई थी। इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रही थीं करमाला उपविभाग की डीएसपी अंजना कृष्णा।
इसी दौरान एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार को फोन कर दिया। फोन पर हुई बातचीत में पवार ने अफसर से कहा – “इतना डेरिंग हुआ है क्या?” और यही संवाद अब सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है।
कौन हैं IPS Anjana Krishna?
अंजना कृष्णा वी.एस. का जन्म 12 दिसंबर 1997 को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के मलयंकीजू गांव में हुआ।
उनके पिता बीजू कपड़ों का छोटा सा व्यवसाय चलाते हैं। स्कूली शिक्षा उन्होंने पूजप्पुरा के सेंट मैरीज़ सेंट्रल स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने HNMSPB NSS कॉलेज फॉर वीमेन, नीरमंकरा से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई खत्म करने के बाद अंजना ने UPSC की तैयारी शुरू की। कहते हैं कि UPSC क्लियर करना आसान नहीं होता, लेकिन अंजना ने इसे पहली ही कोशिश में कर दिखाया। उन्होंने UPSC CSE 2022-23 में AIR-355 रैंक हासिल की और IPS अधिकारी बनीं। आज वे सोलापुर जिले के करमाला तहसील में DSP के पद पर तैनात हैं।
Ajit Pawar और IPS Anjana Krishna आमने-सामने कैसे आए?
कुर्डू गांव में अवैध मुरुम उत्खनन की शिकायत पर तहसीलदार और तलाठी पथक के साथ कार्रवाई करने पहुंचे।
इस दौरान पुलिस टीम का नेतृत्व डीएसपी अंजना कृष्णा कर रही थीं। जैसे ही यह कार्रवाई शुरू हुई, गांव के कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने सीधा उपमुख्यमंत्री अजित पवार को फोन किया। इसके बाद पवार और अंजना कृष्णा के बीच हुई बातचीत का वीडियो वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पर IPS Anjana Krishna बनीं ‘लेडी सिंघम’
वायरल वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अंजना कृष्णा की जमकर तारीफ की। यूजर्स उन्हें “लेडी सिंघम” कहकर संबोधित कर रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि एक युवा महिला अफसर ने सत्ता से टकराकर ईमानदारी का परिचय दिया है। उनकी छवि एक साहसी और सख्त अधिकारी की बन गई है।
Ajit Pawar का पक्ष
विवाद बढ़ने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद कार्रवाई रोकना नहीं था। पवार का कहना है कि उन्होंने अफसर से केवल इतना कहा कि कार्यवाही करते समय माहौल बिगड़ना नहीं चाहिए। उनका उद्देश्य था कि कानून-व्यवस्था और शांति बनी रहे।
Sunil Tatkare ने Ajit Pawar का किया बचाव
इस विवाद पर NCP के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि अजित दादा ने किसी भी गैरकानूनी उत्खनन का समर्थन नहीं किया। तटकरे के अनुसार, अजित पवार ने अफसर को केवल कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए फटकारा था। वीडियो को लेकर उन्होंने कहा कि इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, जबकि हकीकत कुछ और है।
मामला क्यों खास है?
इस पूरे विवाद ने राजनीति और प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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एक तरफ सत्ता का दबाव,
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दूसरी तरफ एक ईमानदार अफसर का साहस,
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और बीच में सोशल मीडिया की अदालत।
लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्या अफसर राजनीति के दबाव में अपना काम निष्पक्ष तरीके से कर पाएंगे?