मीरा भायंदर: बीती 20 मई को ठाणे लोकसभा के अंतर्गत आने वाले मीरा भायंदर शहर में भी मतदान हुआ. लेकिन इस दौरान मतदाता सूची मे भारी गड़बड़ी सामने आई. कई मतदान केंद्रों पर वोटिंग करने पहुँचे लोगों को तब बड़ा आश्चर्य हुआ जब मतदाता सूची मे उनका नाम ही नहीं मिला. जबकि ये ऐसे लोग थे जो वर्षो से मतदान करते आ रहे थे और इस बार बिना किसी सूचना और कारण के उनका नाम डिलीट कर दिया गया और वो मतदान करने के अपने कर्तव्य से वंचित रह गए. इस बारे मे मीरा भायंदर और ओवला माजिवाड़ा विधानसभा के कई केंद्रों से मिली शिकायत के बाद भाजपा नेता और मीरा भायंदर विधानसभा चुनाव प्रमुख एड. रवि व्यास ने राज्य के चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर इस गड़बड़ी की जाँच की मांग की है.
साथ ही इस विषय को राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संज्ञान में भी लाया है.रवि व्यास का कहना है कि जिन लोगों के नाम हटाए गए वो लोग पिछले 20-25 सालों से वोट करते आ रहे थे और उनके पास वोटिंग कार्ड से लेकर सभी जरूरी कागजात मौजूद हैं। इसके बाद भी उनका नाम हटाना काफी दुखद है. एक तरफ चुनाव आयोग लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने का हर संभव प्रयास करता है.
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वहीं कुछ अधिकारीयों की लापरवाही की वजह से इतनी बड़ी संख्या मे लोग मतदान के अपने अधिकार से वंचित रह गए जो कि एक तरह से उनके मौलिक अधिकारों का हनन है. साथ ही नियमों के मुताबिक ऐसी स्थिति में उन्हें नियम 17 के तहत बैलेट पेपर वोटिंग का अधिकार दिया जाना चाहिए था लेकिन बूथ पर मौजूद पोलिंग अधिकारियों ने इस बारे में भी पूरी तरह उदासीन रवैया अपनाया.
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मतदाता सूची से नाम गायब
लोगों का कहना है की बार बार कम मतदान को लेकर हो-हल्ला मचाया जाता है लेकिन उसकी पीछे की एक बड़ी वजह ये भी है. लोग मतदान के लिए जाते है लेकिन कई बार इस तरह मतदाता सूची से बिना पूर्व सूचना नाम गायब होने, ईवीम मशीन के ठीक से काम न करने और सुस्त अधिकारियो की वजह से होने वाली लंबी कतारो की वजह से लोगों को बैरंग लौटना पड़ता है. रवि व्यास ने महाराष्ट्र चुनाव आयोग प्रमुख से मांग की है की तत्काल प्रभाव से डिलीट किये गए पुराने नामों को मतदाता सूची में पुनः समाविष्ट किया जाए.
