मुंबई– मुंबई शहर और उपनगर की हाउसिंग सोसायटीज़ के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से बोझ बने ब्रिटिश कालीन अकृषिक कर (NA TAX) को राज्य सरकार ने पूरी तरह से रद्द कर दिया है। इस फैसले के पीछे महाविकास आघाड़ी के सांसद संजय दिना पाटील की सक्रिय भूमिका रही है।
ब्रिटिश कालीन कर का इतिहास और समस्या
मुंबई शहर और उपनगर में ब्रिटिश शासन के समय खेती की जाने वाली ज़मीनों पर बाद में इमारत और हाउसिंग सोसायटीज़ का निर्माण शुरू हुआ। उस समय प्रशासन ने खेती न होने वाली ज़मीन पर बाजार मूल्य का 3% अकृषिक कर लगाने का नियम बनाया था।
समय के साथ यह बोझ हाउसिंग सोसायटीज़ पर भी डाल दिया गया। सालों तक ये संस्थाएं यह कर भरती रही, जिससे उन्हें वित्तीय दबाव झेलना पड़ रहा था।
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हाउसिंग सोसायटीज़ की मांग और नोटिस से बढ़ा तनाव
मुंबई और उपनगर की कई हाउसिंग सोसायटीज़ और हाउसिंग फेडरेशन ने लंबे समय से इस कर को रद्द करने की मांग की थी। हाल ही में सरकार की ओर से नोटिस जारी किए जाने के बाद स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई। संस्थाओं में चिंता और भ्रम की स्थिति बन गई थी।
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संजय दिना पाटील की सक्रिय पहल
महाविकास आघाड़ी के सांसद संजय दिना पाटील ने हाउसिंग सोसायटीज़ की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभाग के साथ पत्राचार किया और सरकार के सामने संस्थाओं की समस्याओं को रखा।
राजस्व मंत्री का निर्णय और अध्यादेश
पत्राचार और बैठकों के बाद राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बैठक कर फैसला लिया कि यह कर पूरी तरह से रद्द किया जाए। राज्य सरकार ने बताया कि जल्द ही संबंधित अध्यादेश जारी किया जाएगा। इस निर्णय से मुंबई की हाउसिंग सोसायटीज़ को लंबी अवधि की वित्तीय राहत मिलेगी।
इसका मतलब क्या है?
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ब्रिटिश कालीन NA TAX रद्द।
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मुंबई शहर और उपनगर की हाउसिंग सोसायटीज़ को बड़ी राहत।
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वर्षों का वित्तीय बोझ अब समाप्त।
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सांसद संजय दिना पाटील की सक्रिय भूमिका।
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जल्द ही अध्यादेश के माध्यम से नियम लागू।