मुंबई: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटील ने आज मुंबई के आजाद मैदान में हजारों समर्थकों के साथ आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उनकी प्रमुख मांग है कि मराठा समाज को OBC वर्ग में शामिल कर आरक्षण दिया जाए। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और पूरे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
मराठा समाज को OBC में शामिल करने की मांग
जरांगे पाटील लंबे समय से यह मांग करते आए हैं कि मराठा समाज को कुनबी जाति के आधार पर ओबीसी सूची में शामिल किया जाए। उनका तर्क है कि मराठा समाज ऐतिहासिक रूप से कृषक समाज है और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से कई बार लिखित व मौखिक आश्वासन भी लिए, लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक लिखित कार्यवाही नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी चेतावनी, फिर मिली सशर्त अनुमति
मुंबई पुलिस ने शुरुआत में आजाद मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा जहां अदालत ने बिना अनुमति आंदोलन करने पर रोक लगाई। इसके बाद सरकार ने एक दिन के लिए सशर्त अनुमति दी, जिसमें केवल 5000 लोगों की उपस्थिति, कोई खाना नहीं बनाना, कोई भाषणबाजी नहीं, और शाम 6 बजे तक मैदान खाली करना जैसी शर्तें रखी गईं।
आजाद मैदान में उमड़ा मराठा जनसैलाब
हालांकि अनुमति सीमित संख्या की थी, फिर भी पूरे महाराष्ट्र से मराठा समाज के लोग बड़ी संख्या में आझाद मैदान पहुंचे। ‘एक मराठा, लाख मराठा’ के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। भगवे झंडे, पारंपरिक टोपी और सामूहिक एकता का प्रदर्शन पूरे मैदान में देखने को मिला। मैदान के बाहर भीड़ की वजह से ट्रैफिक ठप हो गया और CSMT, मरीन लाइन्स, चर्चगेट जैसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए।
मनोज जरांगे पाटील ने शुरू किया आमरण अनशन
सुबह 10 बजे मंच पर पहुंचने के बाद जरांगे पाटील ने सीधे आमरण अनशन की घोषणा की। उन्होंने कहा, “जब तक हमारे समाज को ओबीसी में शामिल कर आरक्षण का गुलाल नहीं उड़ाया जाएगा, तब तक हम यह मैदान नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर सरकार गोली चलाती है या उन्हें गिरफ्तार करती है, तब भी वे उपोषण नहीं तोड़ेंगे।
सरकार से बातचीत की पेशकश, लेकिन चेतावनी भी
जरांगे पाटील ने राज्य सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर उनकी मांगों पर ठोस कार्यवाही होती है, तो वे आंदोलन वापस लेने को तैयार हैं। लेकिन सरकार द्वारा केवल “एक दिन की अनुमति” दिए जाने को उन्होंने मराठा समाज का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि “अब यह आंदोलन जनआंदोलन बन चुका है, इसे रोका नहीं जा सकता।”
मुंबई पुलिस और CRPF की सुरक्षा तैनाती
मुंबई पुलिस ने आज़ाद मैदान और आसपास के इलाकों में 1000 से अधिक जवान तैनात किए हैं, जिसमें CRPF, RAF, और लोकल पुलिस शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था के तहत ड्रोन से निगरानी, CCTV कैमरों से लाइव मॉनिटरिंग और ट्रैफिक डाइवर्जन लागू किए गए हैं। पुलिस ने ट्रैफिक से बचने के लिए स्थानीय लोगों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी।
आगे क्या? आंदोलन की अगली दिशा पर नजर
जरांगे पाटील ने साफ कर दिया है कि यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार लिखित रूप में मराठा समाज को OBC में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू नहीं करती। इसके साथ ही पूरे राज्य में मराठा संगठन सक्रिय हो चुके हैं और यदि मांगें नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में फैल सकता है।