Mumbai Maratha Reservation: मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन लगातार सुर्खियों में है। पिछले चार दिनों से CSMT और दक्षिण मुंबई की सड़कों पर आंदोलनकारियों का जमावड़ा देखने को मिला। इससे शहर का ट्रैफिक जाम हो गया और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस और बीएमसी ने मोर्चा संभाला और अब हालात सामान्य होने लगे हैं। इस बीच आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को बड़ी चेतावनी दी है।
मुंबई में चार दिन से मराठा आंदोलन
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हज़ारों प्रदर्शनकारी मुंबई पहुंचे और सीएसएमटी स्टेशन परिसर व दक्षिण मुंबई की मुख्य सड़कों पर डटे रहे। आंदोलनकारियों की गाड़ियों और भीड़ के कारण कई इलाकों में घंटों लंबा ट्रैफिक जाम रहा।
कोर्ट आदेश के बाद पुलिस की कार्रवाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को दोपहर तक सड़कें खाली कराने का आदेश दिया। आदेश के तुरंत बाद मुंबई पुलिस, जीआरपी, आरपीएफ और अर्धसैनिक बल हरकत में आए और प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू किया। बीएमसी ने भी रातभर सफाई अभियान चलाकर सीएसएमटी और दक्षिण मुंबई की सड़कों को सामान्य किया।
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जरांगे पाटिल का बयान: “हम कानून के दायरे में आंदोलन कर रहे हैं”
मनोज जरांगे पाटिल ने कोर्ट आदेश के बाद कहा कि उनका आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। उन्होंने कहा,
“हम कानून के दायरे में रहकर आंदोलन कर रहे हैं। हमें न्याय देवता पर भरोसा है कि वे हमें न्याय देंगे। कोर्ट का आदेश आते ही हमने सभी गाड़ियां हटा दीं और अब मुंबई में कहीं भी ट्रैफिक जाम नहीं है।”
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मुंबई छोड़ने से इनकार – सरकार को चेतावनी
जरांगे पाटिल ने सरकार को दो टूक कहा कि जब तक हैदराबाद गैजेट लागू नहीं होता, वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे। उनका कहना हैं, “जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होतीं, मैं मुंबई में ही रहूंगा, आंदोलन जारी रहेगा।”
समर्थकों को सख्त हिदायत
जरांगे पाटिल ने अपने समर्थकों को भी सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन के काम में कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए। उनका स्पष्ट संदेश है,“जो मेरी बात नहीं मानेगा, वह अपने गांव लौट जाए।”