मुंबई: भारतीय रेलवे आम यात्रियों के लिए सस्ते यानी कम पैसे में यात्रा करने का सबसे आसान विकल्प है। त्योहार का मौसम हो या छुट्टियों का समय अक्सर ट्रेन में बहुत भीड़ होती है। ऐसे में कई यात्री अपने हाथों में वेटिंग टिकट रखते हैं। लेकिन अब रेलवे ने सभी को कन्फर्म टिकट देने की योजना बनाई है। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे अगले चार से पांच साल में 3000 अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की योजना बना रही है। जिससे यात्रियों की संख्या बढ़ने पर भी आसानी से कन्फ़र्म टिकट मिल सकेंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि अभी हर साल करीब 800 करोड़ यात्री रेलवे से यात्रा कर रहे हैं। अगले चार-पांच साल में हमें बढ़ती आबादी के हिसाब से 1000 करोड़ यात्री क्षमता बढ़ानी है। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए रेलवे को 3000 अतिरिक्त ट्रेनों की जरूरत है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे आने वाले भविष्य में ऐसी अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।
रेलवे हर साल 200 से 250 नई ट्रेनें लॉन्च कर सकता है
फिलहाल भारतीय रेलवे के बेड़े में 69,000 नए कोच उपलब्ध हैं। इसलिए रेलवे की सहायक कंपनियां हर साल 5000 नए कोच बना रही है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे हर साल 200 से 250 नई ट्रेनें लॉन्च कर सकता है। इसके अलावा आने वाले वर्षों में रेलवे बेड़े में 400 से 450 वंदेभारत ट्रेनें जोड़ने की योजना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेल मंत्रालय ट्रेनों की गति बढ़ाने और रेलवे नेटवर्क के विस्तार के लिए काम कर रहा है।
ट्रेन की स्पीड बढ़ाई जाएगी
भारतीय रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने पर काम कर रहा है। ट्रेन की गति धीमी करने वाले कारणों का पता लगाने और उन कारणों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। चूँकि स्टॉप के अलावा अन्य कारण भी मार्गों पर ट्रेन की गति को बाधित करते हैं। इसलिए ट्रेनों को धीमी गति से चलाना पड़ता है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि ट्रेनों की गति को सीमित करने वाले सभी मुद्दों का समाधान खोजने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली से कोलकाता रूट के लिए राजधानी एक्सप्रेस पर विचार किया जाए और घुमावदार रास्ते, स्टेशन, गति प्रतिबंध हटा दिए जाएं तो वर्तमान समय से दो घंटे 20 मिनट की बचत की जा सकती है।
त्योहारों के दौरान अतिरिक्त ट्रेनें
इस साल त्योहार के दौरान स्पेशल ट्रेनों की संख्या तीन गुना बढ़ा दी गई है। भीड़ कम करने के लिए 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक 6,754 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। पिछले साल यह संख्या 2,614 थी।