मुंबई। शिक्षा को समाज की असली ताकत मानने वाले Round Table India (RTI) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। RTI की मुंबई शाखा Bombay North Round Table 19 (BNRT 19) ने अब तक देशभर में 100 से अधिक लाइब्रेरियां स्थापित कर शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। अब संगठन ने अपने इस मिशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाते हुए श्रीलंका के कोलंबो के पास St. Xavier Jo-ella गांव में पहली अंतरराष्ट्रीय लाइब्रेरी का उद्घाटन किया है।
शिक्षा के माध्यम से आज़ादी दिलाने का संकल्प
Round Table India की मूल भावना है – शिक्षा के जरिए आज़ादी दिलाना। यह आज़ादी केवल आर्थिक समस्याओं से ही नहीं, बल्कि सामाजिक कुरीतियों, मूलभूत आवश्यकताओं की कमी और शैक्षणिक असमानताओं से भी है।
संगठन का उद्देश्य है बच्चों में नैतिकता और आत्मनिर्भरता की ज्योति जगाना। “अप दीपो भवः” की प्रेरणा के साथ RTI बच्चों को केवल अकादमिक शिक्षा ही नहीं बल्कि जीवन मूल्यों से जुड़ी किताबों के माध्यम से भी मार्गदर्शन देना चाहता है।
दान की गई किताबों से बनती हैं लाइब्रेरियां
- समृद्ध और शिक्षित परिवारों के बच्चे अपनी पुरानी लेकिन महत्वपूर्ण किताबें (कहानियां, सामान्य ज्ञान, इतिहास और महापुरुषों की आत्मकथाएँ) दान करते हैं।
- BNRT 19 इन किताबों को विभिन्न केंद्रों से इकट्ठा कर, विषयानुसार वर्गीकृत करता है।
- इसके बाद इन्हें एक संपूर्ण Library का रूप देकर देशभर के आदिवासी और वंचित क्षेत्रों के स्कूलों में भेजा जाता है।
BNRT 19 ने बनाई 100 से अधिक लाइब्रेरियां
अब तक BNRT 19 द्वारा 100 लाइब्रेरियां तैयार की जा चुकी हैं। इन लाइब्रेरियों का उद्देश्य वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करना है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई शुरुआत
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर RTI ने श्रीलंका में अपनी पहली International Library की स्थापना की। इसका उद्घाटन BNRT 19 के चेयरमैन टेब्लर प्रियंक रांका, टेब्लर महक मेहता और Round Table Sri Lanka के नेशनल चेयरमैन ने संयुक्त रूप से किया।
Round Table India का विज़न
RTI का मानना है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों को नैतिक मूल्यों और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाती है। इसी सोच के साथ संगठन लगातार नए क्षेत्रों और अब नए देशों में भी अपने मिशन का विस्तार कर रहा है।