कोलकाता:पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा पूरी दुनिया में अपनी भव्यता और कलाकारी के लिए जानी जाती है। इसी कड़ी में इस साल कोलकाता के न्यू टाउन सार्वजनिन दुर्गा पूजा पंडाल ने ऐसी थीम तैयार की है, जिसे देखने रोज़ाना लाखों की भीड़ उमड़ रही है। पंडाल की खासियत है इसकी थीम—शरद ऋतु, जिसे बंगाल की संस्कृति और नवरात्रि से गहराई से जोड़ा गया है।
पंडाल की थीम: हरसिंगार और कास फूलों से सजा शरद काल
इस बार न्यू टाउन पंडाल की थीम है शरद काल। यही वह मौसम है जब हरसिंगार और कास के फूल खिलकर नवरात्रि का संदेश देते हैं। पितृ पक्ष खत्म होते ही देवी पक्ष की शुरुआत होती है और पूरा देश शक्ति-पूजा में डूब जाता है। पंडाल इसी भावना को कलाकारी के माध्यम से जीवंत करता है।
कलाकारी: घोंसले का डिजाइन और शिवलिंग की स्थापना
पंडाल का प्रवेश द्वार लकड़ी के चिड़िया के घोंसले जैसा बनाया गया है। भीतर प्रवेश करते ही ऊपर उड़ती हुई लाइट की चिड़िया दिखाई देती है, जो रात में जीवंत प्रतीत होती है। अंदर का दृश्य किसी गुफा या पहाड़ का अहसास कराता है, जहां बीचों-बीच शिवलिंग स्थापित है और चारों ओर हरसिंगार के फूल बिखरे हैं।
यह वातावरण आगंतुक को दिव्य अनुभव देता है।
मां दुर्गा की प्रतिमा: गुलाबी आभा में आधुनिक स्वरूप
मंडप की मुख्य प्रतिमा इस बार पारंपरिक से बिल्कुल अलग है। हल्के गुलाबी रंग में चमकती मां दुर्गा की प्रतिमा मानो तारों के बीच विराजमान है। मां के पांव की छाप और उनकी साड़ी का प्रतीकात्मक चित्रण यह दर्शाता है कि देवी स्वयं धरती पर अवतरित हुई हैं।
सजावट: दर्पण और कास फूलों से अलौकिक नज़ारा
पूरे मंडप की दीवारों पर दर्पण लगाए गए हैं, जिनके किनारों पर कास के फूल बने हैं। एक दीवार का प्रतिबिंब दूसरी दीवार में पड़ता है और दृश्य अलौकिक प्रतीत होता है। आगंतुकों को लगता है मानो वे किसी फूलों के विशाल क्षेत्र में खड़े हों।
क्यों आकर्षण का केंद्र बना न्यू टाउन दुर्गा पूजा पंडाल 2025?
दो महीने की मेहनत में तैयार हुआ यह पंडाल आधुनिक कलाकारी और परंपरा का बेहतरीन संगम है। यहां रोज़ाना कोलकाता ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से भी हजारों लोग पहुंच रहे हैं। थीम, मूर्ति और सजावट—तीनों मिलकर इसे दुर्गा पूजा 2025 के सबसे चर्चित पंडालों में शुमार कर रहे हैं।