नई दिल्ली: देश में चल रहे चुनावी माहौल में शरद पवार परिवार की नजदीकियां देखने को मिलीं। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पहले पुणे में प्रताप राव पवार के आवास पर शरद पवार से मुलाकात की और फिर बारामती के गोविंद बाग गए। ऐसे में यह चर्चा शुरू थी कि क्या एनसीपी के ये दोनों गुट एक साथ आएंगे? हालांकि निकट भविष्य में दोनों गुटों के बीच सब कुछ ठीक होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह आज दिल्ली में घटी एक बड़ी सियासी घटना है।
जब एनसीपी पार्टी एकजुट थी तो प्रफुल पटेल हमेशा शरद पवार के साथ नजर आते थे। प्रफुल पटेल शरद पवार के करीबी माने जाते थे। शरद पवार भी कोई भी अहम फैसला लेने से पहले प्रफुल्ल पटेल से चर्चा करते थे। लेकिन कुछ महीने पहले एनसीपी में फूट पड़ गई।
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शरद पवार और अजित पवार गुट के एकजुट होने के आसार नहीं
शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने राज्य में सत्तारूढ़ शिंदे-बीजेपी गठबंधन के साथ जाने का फैसला किया। शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होकर अजित पवार महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनें। उनके साथ प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल जैसे दिग्गज नेता भी सरकार में शामिल हुए। इसके बाद दोनों गुटों के नेताओं के बीच कुछ बैठकें हुईं।
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कयास लगाए जा रहे थे कि एनसीपी के दोनों गुट एक हो जाएंगे पर वह नहीं हुआ। अब शरद पवार गुट, अजित पवार गुट के खिलाफ आक्रामक हो गया है।
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प्रफुल्ल पटेल की सांसदी रद्द कराने के लिए हुई मुलाकत?
अजित पवार के सांसद प्रफुल पटेल की राज्यसभा की सदस्यता रद्द करने के लिए शरद पवार गुट के नेताओं ने सीधे राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनकड़ से मुलाकात की। चार महीने पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 10वीं अनुसूची के तहत कार्रवाई की मांग की गई थी। हालांकि, सूत्रों से खबर है कि कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण ये मुलाकात की गई।
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इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद सुप्रिया सुले, राज्यसभा सांसद वंदना चव्हाण मौजूद रहीं। इससे पहले वंदना चव्हाण ने भी पत्र के जरिए राज्यसभा स्पीकर जयदीप धनकड़ को याद दिलाया था।
