Cardiac Arrest Symptoms : टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह के 59 साल की उम्र में अग्न्याशय (Pancreas) की बीमारी के इलाज के बाद अचानक हृदय गति रुकने (Cardiac Arrest) से निधन हो गया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अग्न्याशय की किसी भी तरह की बीमारी आपके दिल के लिए खतरा हो सकती है. आइये जानते है…
डॉ. संजीव गेरा, निदेशक और एचओडी, कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा, बताते हैं की, “अग्नाशय की बीमारी सीधे तौर पर कार्डियक अरेस्ट का कारण नहीं बन सकती है, जब तक कि किसी के दिल में कोई छिपी हुई या अज्ञात स्थिति न हो या उनमें मधुमेह, (diabetes) उच्च रक्तचाप (high blood pressure) जैसे जोखिम कारक न हों. रक्तचाप (blood pressure), रक्त शर्करा का स्तर (blood sugar level), कोलेस्ट्रॉल (cholesterol), धूम्रपान (smoking), तनावपूर्ण या गतिहीन जीवन शैली.
क्या है धोका…
जिस किसी को भी अग्न्याशय की बीमारी हैं, वह दिल का दौरा पड़ने की चपेट में है. कभी-कभी थक्के और रुकावटें हृदय के विद्युत आवेगों में बाधा डालती हैं, जिससे अचानक हृदय गति रुक जाती है.” आमतौर पर जिन लोगों को अग्न्याशय की बीमारी होती है, वे शराबी और भारी धूम्रपान करने वाले होते हैं, इसलिए उनमें हृदय रोग (heart disease) होने की संभावना अधिक होती है.
इसके अलावा जब मरीज को एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस (acute pancreatitis) जैसा संक्रमण होता है तो शरीर में सूजन बढ़ जाती है. “जब भी सूजन के निशान बढ़ जाते हैं, तो रक्त गाढ़ा हो जाता है और थक्के बनने की संभावना होती है. इसके अलावा, सूजन रक्त वाहिकाओं की दीवारों को भी नुकसान पहुंचाती है. तो प्लाक आसानी से फट जाता है, थक्का जम जाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ जाता है. जब दिल का दौरा रक्त प्रवाह को बाधित करता है और क्षतिग्रस्त हृदय ऊतक हृदय को नियंत्रित करने वाले विद्युत संकेतों को बाधित करता है, तो अचानक कार्डियक अरेस्ट होता है, ”डॉ गेरा कहते हैं.
तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित रोगियों के मामले में तनाव कार्डियोमायोपैथी (cardiomyopathy) पर भी विचार किया जाना चाहिए. क्यूंकी यह स्थिति शरीर पर दबाव डालती है, इसलिए यह इसका मुकाबला करने के लिए एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन (adrenaline and noradrenaline) का उत्पादन करती है. अतिरिक्त एड्रेनालाईन प्रवाह धमनियों को संकीर्ण कर देता है और हृदय में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है. एड्रेनालाईन (adrenaline) के कारण कोशिकाओं में आवश्यकता से अधिक कैल्शियम प्रवेश हो सकता है, जिससे हृदय ठीक से धड़कने से रुक सकता है, अतालता शुरू हो सकती है, हृदय रुक सकता है और अचानक हृदय गति रुक सकती है.
तो अग्न्याशय की बीमारी वाले किसी व्यक्ति को अपना इलाज कराते समय निवारक आहार कैसे लेना चाहिए?
– यदि आपके पास कोई सह-रुग्णता है, तो दिल की जांच के लिए जाएं.
– भले ही ये आपके पास न हों, फिर भी अपनी बीमारी की गंभीरता पर नज़र रखें.
– यदि आपके शरीर में लंबे समय से संक्रमण बना हुआ है, तो आपको इकोकार्डियोग्राम, ईसीजी और अन्य हृदय परीक्षण करवाना चाहिए,” डॉ गेरा सलाह देते हैं.