नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडिया की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। आरोप है कि यह संपत्ति अपराध की कमाई से खरीदी गई थी। ईडी ने यह जब्ती की कार्रवाई पीएमएलए के तहत की है। जब्ती की यह कार्रवाई दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में की गई है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, 661.69 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल और 90.21 करोड़ रुपये की संपत्ति यंग इंडिया की है। ईडी ने दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर साल 2014 में एजेएल और यंग इंडिया के खिलाफ जांच शुरू की थी।
कांग्रेस से क्या संबंध?
इस मामले के आरोपियों ने मेसर्स यंग इंडिया के माध्यम से एजेएल की करोड़ों रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। ये जानकारी ईडी की जांच से सामने आई है। मेसर्स एजेएल को समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए भारत के विभिन्न शहरों में सरकार द्वारा रियायती दरों पर भूमि दी गई थी। एजेएल ने 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया। धन का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करना शुरू कर दिया।
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एजेएल को ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना था। कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया और साजिश रचकर एजेएल को महज 50 लाख रुपये में मेसर्स यंग इंडिया को बेच दिया।
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गांधी परिवार पर क्या हैं आरोप?
इसके बाद यंग इंडिया के शेयर गांधी परिवार और उनके करीबियों को दे दिए गए। यानी एजेएल की करोड़ों की संपत्ति यंग इंडिया के जरिए गांधी परिवार के हाथ में आ गई। इससे पहले एजेएल ने एक असाधारण आम बैठक बुलाई थी। एक प्रस्ताव पारित किया गया, यंग इंडिया ने AJL की संपत्ति पर कब्ज़ा कर लिया।
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इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोती लाल वोहरा और सुमन दुबे आरोपी हैं। इस मामले में ईडी सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी पूछताछ कर चुकी है।
