नागपुर: एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक आज शीतकालीन सत्र के मौके पर नागपुर आए। वह आज सदन में उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट के विधायकों के पास बैठे। वह अजित पवार गुट के नेता अनिल पाटिल के दफ्तर में भी बैठे। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि नवाब मलिक ने अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया है। इसे लेकर उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने एकनाथ शिंदे सरकार की जमकर आलोचना की। जिसपर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें जवाब दिया।
उसके बाद अब देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को पत्र भेजकर अपना विस्तृत पक्ष रखा है। जिसे एक तरह से देवेंद्र फडणवीस का लेटर बम माना जा रहा है। क्योंकि एक तरफ अजित पवार ने नवाब मलिक का अपनी पार्टी में स्वागत किया है तो वहीं दूसरी ओर देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक के महागठबंधन में शामिल होने पर विरोध जताया है।
किसकी तरफ नवाब मलिक?
NCP के किस गुट में जाएंगे नवाब मलिक? इसको लेकर ऐसी ही चर्चा चल रही थी। इस सवाल का जवाब आज सबको मिल गया है। नवाब मलिक सत्ताधारी विधायकों की बेंच पर बैठे। इसलिए वह अजित पवार गुट में शामिल हो गए है। लेकिन नवाब मलिक को सत्ता में शामिल न करें, उन पर देशद्रोह का आरोप है। यह बात खुद देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को कही है। सत्ता आती है और जाती है लेकिन सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण देश है। अजित पवार को अपने पत्र में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अपनी पार्टी में किसे लेना है यह आपका अधिकार है। लेकिन हर घटक दल को यह सोचना होगा कि इससे महागठबंधन में कोई दिक्कत नहीं आए। साथ ही, ‘मुझे उम्मीद है कि आप हमारी भावनाओं का भी ख्याल रखेंगे।’
‘उन्हें महागठबंधन में लेना ठीक नहीं होगा’
पूर्व मंत्री और विधानसभा सदस्य नवाब मलिक आज विधानमंडल परिसर में आए और कार्यवाही में भाग लिया। विधानसभा सदस्य के रूप में उन्हें भी यह अधिकार प्राप्त है। देवेंद्र फडणवीस ने पत्र में लिखा कि मैं शुरू में ही स्पष्ट कर दूं कि हमारी उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं है। लेकिन जिस तरह से उन पर आरोप लगाए गए हैं। उसे देखते हुए उन्हें ग्रैंड अलायंस में शामिल करना उचित नहीं होगा।
देवेंद्र फडणवीस का विरोध
देवेंद्र फडणवीस ने पत्र में लिखा कि सत्ता आती है और जाती है लेकिन सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण देश है। फिलहाल नवाब मलिक सिर्फ मेडिकल आधार पर जमानत पर बाहर हैं। अगर उन पर लगे आरोप साबित नहीं हुए तो हमें उनका स्वागत करना चाहिए। लेकिन हमारी स्पष्ट राय है कि ऐसे आरोप लगने पर उन्हें महागठबंधन का हिस्सा बनाना ठीक नहीं होगा।
