पुणे: महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की पुणे जिला कार्यकारिणी ने मांग की है कि राज्य सरकार बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री पर कार्रवाई करे। समिति ने आरोप लगाया है कि बागेश्वर धाम सरकार लगातार अवैज्ञानिक और अंधविश्वास फैलाने वाले दावे कर रहे हैं। जो भारतीय संविधान के सिद्धांतों से मेल नहीं खाता है। समिति ने मांग की है कि बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के खिलाफ जादू-टोना विरोधी अधिनियम, ड्रग्स और जादू अधिनियम आदि के तहत उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
समिति ने कहा कि किसी अजनबी के अतीत में जो कुछ घटित हुआ, उसे सटीकता से कागज पर लिख देना। लोगों के मन में क्या चल रहा है यह जानने का दावा करना, रावण से फ़ोन पर बात करना लोगों की बीमारी दूर करना, भूत-प्रेत भगाना। साथ ही बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का अपने कार्यक्रमों यह कहना कि वे ईश्वर के दूत हैं।
समिति ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री संतों के बारे में भी अपमानजनक बयान देते हैं। उनके सभी दावे संविधान विरोधी, अवैज्ञानिक और अंधविश्वासी हैं। पुणे शहर में अगले सोमवार से तीन दिनों तक बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री का सत्संग एवं दरबार कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में समिति की पुणे जिला कार्यकारिणी ने यह मांग की है।
कानून का उल्लंघन कर रहे बागेश्वर बाबा
समिति ने आरोप लगाया कि बागेश्वर बाबा लोगों के ईश्वर, धर्म, आस्था, पूजा और भावनाओं, असुरक्षा और अज्ञानता का फायदा उठा रहे हैं। वे लोगों को ईश्वर, धर्म, आस्था, पूजा से संबंधित अवैज्ञानिक बातें बता रहे हैं। ये बातें बताकर वे लोगों को प्रभावित कर रहे हैं और उन्हें अवैज्ञानिक तरीके से जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
देश में केंद्र सरकार का औषधि एवं जादुई उपचार विज्ञापन आपत्तिजनक अधिनियम 1854 और राज्य में जादू-टोना विरोधी कानून दस वर्षों से लागू है। बागेश्वर बाबा इन दोनों कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं।
‘…तो 21 लाख का इनाम’
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से बागेश्वर बाबा धीरेन्द्र शास्त्री को चुनौती दी गई है कि वे जो दावा कर रहे हैं, उसे साबित करके दिखाएं। उन्हें इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए और अपने दावों को साबित करना चाहिए। अगर वे इन दावों को साबित करते हैं, तो उन्हें समिति कि ओर से 21 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।