पुणे: मुंबई से दो सौ किलोमीटर की दूरी पर बसे पुणे में पुलिस ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनमें मुहम्मद इमरान मुहम्मद यूसुफ खान उर्फ अमीर अब्दुल हमीद खान और मुहम्मद यूनुस मुहम्मद याकूब साकी शामिल थे। दोनों को 18 जुलाई को मोटरसाइकिल चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में यह पता चला कि वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की लिस्ट में शामिल आतंकवादी था। इसके चलते मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई। उस जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
आतंकियों ने पुणे में आईएसआईएस मॉड्यूल (ISIS Module)बनाया था। इसमें युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोट करने तक की साजिश रची थी। जांच में यह भी पता चला है कि इन आतंकियों के निशाने पर कुछ हिंदू नेता भी थे।
आतंकियों के निशाने पर कौन था?
ISIS मॉड्यूल के आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान से पूछताछ में एनआईए को यह जानकारी मिली है कि आतंकियों के रडार पर कौन-कौन से हिंदू नेता थे। इन आतंकियों के रडार पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत नरसिंहानंद थे। इन आतंकियों ने उन्हें मारने की साजिश भी रची थी। कई अन्य हिंदू नेता भी उनके निशाने पर थे। एनआईए की ओर से उन नेताओं के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
एनआईए ने इन आतंकियों के पास से एक पिस्तौल, पांच कारतूस और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। पुणे मॉड्यूल में सात लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था।
आतंकवादियों का टार्गेट ‘एस’ क्या है?
आतंकियों का टारगेट ‘एस’ यानी स्टूडेंट थे। इसके काम को अंजाम देने के लिए वे ऐसे युवाओं की तलाश कर रहे थे जो सरकार और प्रशासन से नाराज हों। इसके बाद वे जिहाद के नाम पर युवाओं को आतंकवादी बना रहे थे। कुछ साल पहले जिस तरह से सिमी संगठन ने युवाओं और छात्रों को निशाना बनाया था। उसी तरह ये आतंकी भी ‘एस’ स्टूडेंट पर फोकस कर रहे थे।
आतंकियों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों को निशाना बनाया था। इस मामले में कुछ दिन पहले कुछ युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ से यह साफ हो गया था कि ये युवक आईएसआईएस संगठन में शामिल होंगे।